Herd Imunity in Hindi
“कोरोना और हर्ड इम्युनिटी”
कोरोना वायरस ने देश और दुनियाँ की दशा एवं दिशा ही बदल दी है | इस बीमारी की बजह से दो गज की दुरी, मास्क, हाथ की सफाई, लॉक डाउन जैसे उपाए किये गए | लॉक डाउन ने वायरस को फैलने से तो रोका लेकिन अर्थव्यवस्था की नींव को हिला कर रख दिया | अतः सरकार अब अनलॉक की तरफ बढ़ रही है | इसी संदर्भ में एक शब्द बार – बार अख़बारों में देखने को मिलता है वह है- ” हर्ड इम्युनिटी ” , तो आइये जानते हैं हर्ड इम्युनिटी क्या है ? क्या यह कोरोना से लड़ने के लिए एक कारगर उपाएँ है ? इसके क्या – क्या फायदे – नुकसान हैं ?
हर्ड इम्युनिटी क्या है ?
यानी सामुहिक प्रतिरोधक क्षमता, अर्थात् घर पर रहकर नहीं, घर से बाहर निकलकर इसका सामना करें | कुल आबादी के एक तय आकार या हिस्से को वायरस से संक्रमित होने दिया जाए जिससे की उनके अंदर संक्रमण के विरुद्ध सामूहिक प्रतिरोधक क्षमता विकसित होगी, शरीर में वायरस के खिलाफ एंटीबाडी बनेगी, जिससे टीका (वैक्सीन) बनाने में भी मदद मिलेगी |
शुरुआती दौर में इंग्लैंड ने हेर्ड इम्युनिटी को अपनाया परन्तु बाद में बहाँ बढ़ते केस देखकर लॉक डाउन कर दिया गया | इस प्रक्रिया को अपनाने के पीछे मंतव्य यह है कि जिनकी प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है उन तक यह वायरस पहुंच ही न पाएँ |
हर्ड इम्युनिटी को अपनाने के बाद भी चुनौतियां :
१. लोगों में जानकारी एवं जागरूकता का अभाव |
२. 60% लोगों में प्रतिरोधक क्षमता विकसित होने में बहुत समय लगेगा, जिससे कम प्रतिरोधक क्षमता या रोगियों को खतरा है |
३. प्रक्रिया को बीच में रोकना ज्यादा खतरनाक सिद्ध होगा साथ ही इसकी सफलता के कोई प्रत्यक्ष प्रमाण भी यही है |
४. एकाएक संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ने से अवसंरचनात्मक प्रक्रिया पर बुरा प्रभाव पड़ेगा |
अतः कोई भी निर्णय सोच समझकर ही लिया जाये क्योंकि जान के साथ साथ जहाँन भी जरूरी है |